शिव पुराण हिंदू धर्म के अठारह महापुराणों में से एक प्रमुख ग्रंथ है, जिसमें भगवान शिव के जीवन, लीलाओं, ज्योतिर्लिंगों, भक्तों और भक्ति का विस्तृत वर्णन किया गया है।संरचना:शिव पुराण में कुल 24,000 श्लोक हैं, जो मुख्यतः सात संहिताओं में विभाजित हैं: विद्येश्वर संहिता रुद्र संहिता कोटिरुद्र संहिता कैलास संहिता वायु संहिता उमा संहिता शतरुद्र संहिताविषय-वस्तु:इस पुराण में भगवान शिव के कल्याणकारी स्वरूप, उनकी महिमा, उपासना विधियों, पूजा-पद्धति, ज्ञानप्रद आख्यानों और शिक्षाप्रद कथाओं का सुंदर संयोजन है। यह ग्रंथ भगवान शिव के विभिन्न रूपों, अवतारों, ज्योतिर्लिंगों, भक्तों और भक्ति का व्यापक वर्णन प्रस्तुत करता है। महत्व:शिव पुराण का पठन और श्रवण भक्तों के लिए अत्यंत फलदायी माना गया है। कहा गया है कि इसका अध्ययन करने से मनुष्य पापों से मुक्त होकर इस लोक में सुख भोगता है और अंत में शिवलोक को प्राप्त करता है। उपलब्धता:यदि आप शिव पुराण को हिंदी में पढ़ना चाहते हैं, तो यह कई ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध है। उदाहरण के लिए, 'महाकाव्य' वेबसाइट पर आप इसे हिंदी में पढ़ सकते हैं। शिव पुराण भगवान शिव की महिमा का गान करता है और भक्तों को उनके प्रति भक्ति और श्रद्धा के मार्ग पर प्रेरित करता है।Mahakavya - Read Ved Puran OnlineEbooks AngrahMahakavya - Read Ved Puran Online